पाकिस्तानी सैनिकों ने भले ही पांच भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतार
दिया हो, लेकिन भारत सरकार पड़ोसी धर्म निभाते हुए बिजली संकट से जूझते पाक
को मदद करने के लिए तैयार है। पड़ोसी देश को भारत न सिर्फ गैस बेचने जा रहा
है, बल्कि यह भी कोशिश हो रही है कि उसे कुछ रियायती दरों पर गैस दी जाए।
सरकारी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी गेल लिमिटेड इस तैयारी में जुटी है।
अगर कोई बड़ा व्यवधान नहीं आता है तो अगले महीने अमेरिका में जब
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मिलेंगे
तो इस मुद्दे पर बड़ी घोषणा हो सकती है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गेल गैस आयात कर पाकिस्तान को उसकी आपूर्ति करने को अंतिम रूप लगभग दिया जा चुका है। सरकार की कोशिश यह भी है कि पाक को कुछ सस्ती दर पर गैस मिले। दरअसल, गेल को विदेश से एलएनजी आयात कर उसे भारत में गैस में तब्दील कर फिर पाक को निर्यात करनी होगी। कंपनी का अनुमान है कि मौजूदा दर के हिसाब से पाकिस्तान को कम से कम 22 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से ही गैस बेची जा सकती है। इस दर से गैस खरीद कर उससे बिजली बनाना किसी भी देश के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। यही वजह है कि गेल चाहती है कि वित्ता मंत्रालय एलएनजी आयात पर कुछ कर रियायत दे ताकि लागत कम की जा सके। पाक को गैस देने के लिए गेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से 14.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से एलएनजी खरीदेगी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी टीम को भारत आना है। अभी तक इस दल की भारत यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है। नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही भारत की तरफ से उसे गैस बेचने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे पाक ने स्वीकार कर लिया था।
इस बारे में हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था कि वह इसे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दें। इसमें कहा गया था कि हमें बिजली संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश को शीघ्रता से मदद पहुंचानी चाहिए। अगर इस बिक्री पर दोनों देशों में अंतिम सहमति बन जाती है तो गेल जालंधर से पाक सीमा तक 110 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाएगी। भारत पाक को डेढ़ वर्षो के भीतर गैस की आपूर्ति शुरू कर सकता है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गेल गैस आयात कर पाकिस्तान को उसकी आपूर्ति करने को अंतिम रूप लगभग दिया जा चुका है। सरकार की कोशिश यह भी है कि पाक को कुछ सस्ती दर पर गैस मिले। दरअसल, गेल को विदेश से एलएनजी आयात कर उसे भारत में गैस में तब्दील कर फिर पाक को निर्यात करनी होगी। कंपनी का अनुमान है कि मौजूदा दर के हिसाब से पाकिस्तान को कम से कम 22 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से ही गैस बेची जा सकती है। इस दर से गैस खरीद कर उससे बिजली बनाना किसी भी देश के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। यही वजह है कि गेल चाहती है कि वित्ता मंत्रालय एलएनजी आयात पर कुछ कर रियायत दे ताकि लागत कम की जा सके। पाक को गैस देने के लिए गेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से 14.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से एलएनजी खरीदेगी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी टीम को भारत आना है। अभी तक इस दल की भारत यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है। नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही भारत की तरफ से उसे गैस बेचने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे पाक ने स्वीकार कर लिया था।
इस बारे में हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था कि वह इसे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दें। इसमें कहा गया था कि हमें बिजली संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश को शीघ्रता से मदद पहुंचानी चाहिए। अगर इस बिक्री पर दोनों देशों में अंतिम सहमति बन जाती है तो गेल जालंधर से पाक सीमा तक 110 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाएगी। भारत पाक को डेढ़ वर्षो के भीतर गैस की आपूर्ति शुरू कर सकता है।