Thursday 8 August 2013

पाक को गैस बेचने की तैयारी

पाकिस्तानी सैनिकों ने भले ही पांच भारतीय सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया हो, लेकिन भारत सरकार पड़ोसी धर्म निभाते हुए बिजली संकट से जूझते पाक को मदद करने के लिए तैयार है। पड़ोसी देश को भारत न सिर्फ गैस बेचने जा रहा है, बल्कि यह भी कोशिश हो रही है कि उसे कुछ रियायती दरों पर गैस दी जाए। सरकारी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी गेल लिमिटेड इस तैयारी में जुटी है। अगर कोई बड़ा व्यवधान नहीं आता है तो अगले महीने अमेरिका में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मिलेंगे तो इस मुद्दे पर बड़ी घोषणा हो सकती है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, गेल गैस आयात कर पाकिस्तान को उसकी आपूर्ति करने को अंतिम रूप लगभग दिया जा चुका है। सरकार की कोशिश यह भी है कि पाक को कुछ सस्ती दर पर गैस मिले। दरअसल, गेल को विदेश से एलएनजी आयात कर उसे भारत में गैस में तब्दील कर फिर पाक को निर्यात करनी होगी। कंपनी का अनुमान है कि मौजूदा दर के हिसाब से पाकिस्तान को कम से कम 22 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से ही गैस बेची जा सकती है। इस दर से गैस खरीद कर उससे बिजली बनाना किसी भी देश के लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। यही वजह है कि गेल चाहती है कि वित्ता मंत्रालय एलएनजी आयात पर कुछ कर रियायत दे ताकि लागत कम की जा सके। पाक को गैस देने के लिए गेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से 14.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से एलएनजी खरीदेगी।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी टीम को भारत आना है। अभी तक इस दल की भारत यात्रा की तारीख तय नहीं हुई है। नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही भारत की तरफ से उसे गैस बेचने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे पाक ने स्वीकार कर लिया था।
इस बारे में हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था कि वह इसे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दें। इसमें कहा गया था कि हमें बिजली संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश को शीघ्रता से मदद पहुंचानी चाहिए। अगर इस बिक्री पर दोनों देशों में अंतिम सहमति बन जाती है तो गेल जालंधर से पाक सीमा तक 110 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाएगी। भारत पाक को डेढ़ वर्षो के भीतर गैस की आपूर्ति शुरू कर सकता है।

नीतीश बोले, मोदी बिहार में नहीं होंगे चुनावी मुद्दा

 नरेंद्र मोदी को लेकर राजग से अलग हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली पर राज करने वाले यानी प्रधानमंत्री बनने वाले को लोकतांत्रिक, खुले-विस्तृत दिमाग वाला, बर्दाश्त करने की क्षमता वाला होना चाहिए। वह समावेशी विकास का पक्षधर हो और पिछड़े क्षेत्रों के पुरजोर विकास की समझ रखे। वैसा आदमी जो सभी लोगों को एकजुट रखे और सबको आगे बढ़ाए। नीतीश ने भाजपा से तोड़ी गई अपनी दोस्ती को तार्किक बताया, तो इशारों में कांग्रेस को भी खूब समझाया-चेताया। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की पुरजोर वकालत की।

नीतीश बुधवार को दिल्ली में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी बिहार में चुनावी मुद्दा नहीं होंगे। हां, सपना देखने की मनाही नहीं है। कहा, अभी कांग्रेस से दोस्ती की बात काल्पनिक है। हां, अभी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है, तो केंद्र सरकार भी फायदे में रहेगी। इस मसले पर पिछड़े राज्यों की गोलबंदी भी हो सकती है।

'सेना और पुलिस में जवान मरने के लिए ही जाते हैं'

नई दिल्ली। बिहार में हो रहे पाक हमले के शहीदों के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचकर नीतीश सरकार की पहले ही किरकिरी हो रही है और अब बिहार के ग्रामीण मंत्री भीम सिंह ने शहीदों पर विवादस्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस में जवान मरने के लिए ही जाते हैं।

गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को बिहार के छपरा में शहीद प्रेमनाथ को अंतिम विदाई देते वक्त बिहार सरकार के एक भी मंत्री वहां मौजूद नहीं थे। यहां तक की जब शहीदों के शव को सीमा पार से पटना एयरपोर्ट पर लाया गया तब भी सूबे की सरकार के पास फुर्सत के दो पल नहीं थे कि वे वहां उनके शहादत पर सम्मान जताने जा सके।

आपको बता दें कि सीमा पर शहीद हुए जवानों में से दो की अंत्येष्टि हो गई है और दो की थोड़ी देर में होने वाली है। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर जब सेना शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को सलामी दे रहे थे, उस वक्त बिहार के विपक्षी दल के नेता पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। सैनिक सम्मान के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर को अलग-अलग ट्रकों में रखा गया। लेकिन इस दौरान बिहार सरकार का कोई भी नुमाइंदा वहां नहीं दिखाई दिया।

हालांकि बिहार सरकार ने शहीदों के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। लेकिन परिजनों ने ये राशि लेने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने इंसाफ की मांग की है। परिजनों ने सरकार से कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

हमले का भारत-पाक वार्ता पर नहीं पड़ेगा असर: खुर्शीद

नई दिल्ली। पाकिस्तान के हमले में पांच भारतीय सैनिकों की हत्या का असर भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर में होने वाली बातचीत पर नहीं पड़ेगा। इस बारे में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि दोनों देशों के बीच आयोजित होने वाली वार्ता किसी भी वजह से स्थगित नहीं की जाएगी। वह अपने तय समय पर ही होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही लेंगे।

 खुर्शीद ने कहा कि प्रधानमंत्री इस विषय में सोच-विचार करके ही पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को आगे बहुत लंबा सफर तय करना है। हर कदम सोच समझकर उठाना होगा। खुर्शीद ने कहा कि देश इस मामले पर अपना धैर्य नहीं खो सकता है। दोनों देशों को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई करनी होगी।

इससे पहले, कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने भी कहा कि किसी भी समस्या का समाधान लड़ाई या विरोध से नहीं होता है, बैठकर चर्चा करने के बाद ही इसका हल निकाला जाता है।

यशवंत ने दिया एंटनी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस

नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना के हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के मामले में बुधवार को भी संसद में हंगामे के आसार हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने लोकसभा में रक्षा मंत्री एके एंटनी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

गौरतलब है कि सैनिकों की हत्या मामले में एंटनी ने मंगलवार को लोकसभा में अपने बयान में कहा था कि पाकिस्तानी सेना की वर्दी में आए लोगों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया। इस पर यशवंत सिन्हा ने लोकसभा और राज्यसभा अरुण जेटली गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह भारत के पक्ष को कमजोर करने और सैनिकों के मनोबल को गिराने वाला बयान है। उन्होंने कहा कि इससे यह लगता है कि हमला सैनिकों ने नहीं बल्कि सैनिकों की वर्दी में आतंकियों ने किया। जबकि हमला पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की संयुक्त कार्रवाई थी।

अब पूरी जानकारी के बाद ही दूंगा कोई बयान : एंटनी

नई दिल्ली। भारतीय सीमा पर पाक के हमले पर दिए गए अपने बयान पर सफाई पेश करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें सीमा से जो आधिकारिक जानकारी मिली थी, उसके मुताबिक ही उन्होंने बयान दिया था। उन्होंने कहा कि आगे पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही किसी भी तरह का कोई बयान दूंगा।

एंटनी ने देश की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। देश की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा। ये बातें रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करने के बाद कही हैं।

गौरतलब है कि पाक हमले पर दी गई अपनी टिप्पणी को लेकर रक्षा मंत्री विवादों में घिर गए हैं। विपक्ष ने मंत्री के बयान की निंदा करते हुए उन्हें इस मामले में पूरे देश से माफी मांगने को कहा है। भाजपा ने कहा कि रक्षा मंत्री का बयान अपने आप में विवादास्पद है। उनके बयान और सीमा से मिली जानकारी में काफी अंतर है।

भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने एंटनी द्वारा पाक को क्लीन चिट दिए जाने पर हमला बोलते हुए अपने बयान पर पूरे देश से माफी मांगने की मांग की। वहीं, राज्यसभा में वैंकया नायडू ने कहा कि रक्षा मंत्री पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।

सुषमा स्वराज ने कहा कि मंत्री के बयान ने सारे तथ्य ही बदल दिए हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के बयान ने पाक को बचने का मौका दे दिया। एंटनी के बयान के बाद ही पाक सेना ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। इसके साथ ही विपक्ष ने इस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी जवाब मांगा है। भाजपा ने कहा कि वह एंटनी के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आएगी।
इसके बाद इस मामले को लेकर लोकसभा में तनातनी चलती रही। इधर तेलांगना मुद्दे को लेकर भी हंगामा होता रहा। हंगामा थमता न देख स्पीकर ने दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि सोमवार देर रात जम्मू के पुंछ से लगी सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के साथ मिलकर भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए और एक बुरी तरह घायल हो गया। शहीदों में चार बिहार और एक महाराष्ट्र के निवासी थे।
पाकिस्तान के हमले में 5 भारतीय जवानों के शहीद हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर देश की सुरक्षा के प्रति लापरवाह होने का आरोप लगा रही है.

एंटनी ने मानी गलती, कहा हमले में पाक सेना का था सीधा हाथ

नई दिल्ली। सरहद पर पाकिस्तान की तरफ से हुए हमले में मारे गए सैनिकों पर दिए गए अपने पहले बयान को तत्कालिक सूचना पर आधारित बताते हुए रक्षा मंत्री ने इस हमले के लिए अब पाक सेना को जिम्मेदार ठहराया है। पाक को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह हमारी धैर्य की परीक्षा ना ले।

संसद में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अपने बयान में बताया कि पाकिस्तान सेना की स्पेशल सेल ने इस हमले को अंजाम दिया है। पाक सेना के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं था। अब इसे विपक्ष अपनी जीत मान रही है और अपनी पीठ खुद ही थपथपा रही है। संसद में रक्षा मंत्री एंटनी के बयान का स्वागत करते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं कर रहा है। हम तो बस भूल को सुधरवाना चाहते थे। एंटनी के बयान के बाद सियासी गलियारे में थोड़ी सुस्ती आई है।

बीते दिनों उन्होंने कहा था कि कुछ आतंकियों ने पाक सेना की वर्दी पहनकर हमला किया था। इस पर पूरे देश में बवाल मच गया था। विपक्षी दल ने एंटनी से इस विवादस्पद बयान के लिए देश से माफी मांगने की मांग की थी।

गौरतलब है कि भारतीय सीमा में हुई सैनिकों की मौत के मुद्दे पर आज एक बार फिर लोकसभा में हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि विपक्ष के हमले और लोगों के गुस्से के बाद अब कांग्रेस को भी लगने लगा था कि एंटनी का बयान राष्ट्र हित में नहीं है।

इस मसले पर विपक्ष का कहना है कि रक्षा मंत्रालय के तथ्य और सीमा से मिली जानकारी में बहुत अंतर है। दोनों के बयान कहीं में मेल नहीं खाते हैं। इस पर एंटनी ने बुधवार को पीएम से मुलाकात करने के बाद कहा कि उन्होंने प्राथमिक जानकारी के आधार पर ही बयान दर्ज कराए थे। लेकिन अब वे अपनी भूल सुधारेंगे और पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही कोई नया बयान देंगे।